नवीन अंक

सबसे प्रेम करो सबकी सेवा करो     ------- भगवान बाबा ।,                                 मानव सेवा ही माधव सेवा है          ------- भगवान बाबा ।
 
आवरण कथा : साई गीता की अमर और असाधारण कथा  ...
पहली कड़ी - अंक - ०१ नवम्बर २००८
 
आवरण कथा

" साई गीता और मेरे संबंधों में शुरू से ही घनिष्टता रही है।ये संबंध शुद्ध रूप से आत्मीय थे । " ये मर्मस्पर्शी शब्द  स्वामी ने 7 जून 2007 को अपने विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों के बीच एक असार्वजनिक सभा में कहे ; सुनते ही सभागार में गहरा ,पूर्णरूप से अभेद्य सन्नाटा छा गया । वे बोले ,“ यह मत सोचो कि साई गीता की बात करते समय मैं भावुक हो जाता हूं ।” उनका स्वर अस्थिर और उत्कट संवेदना से अभिभूत था । स्वामी की उस गंभीर मुद्रा को देखकर सबका हृदय डूबने लगा, इतना भारीपन लगने लगा कि नाजुक दिल की धड़कन ही रूक जाये । प्रत्येक के मन में , ऐसी गहरी शून्यता महसूस होने लगी जिसमें जीवन का अस्तिव ही समा जाये ।

आपके और हमारे बीच: आपके  और हमारे बीच  

साई अमृत वचन :

अदृश्य माधुर्य  
 चिन्न कथा:

भगवान तथा उनका प्यारा भक्त

 
आवरण कथा: साई गीता की अमर और असाधारण कथा  
भगवान से वार्तालाप : भगवान बाबा  से वार्तालाप  
     
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पहली कड़ी - अंक - ०१ नवम्बर २००८